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Condition for Buy Back of Shares

सन 1956 तक कंपनी अधिनियम में, शेयर के buy back करने के लिए कोई भी प्रावधान मौजूद नहीं था, परंतु corporate सेक्टर के द्वारा अपने shares के buy back के लिए लगातार डिमांड होती रही थी। इसीलिए 31 अक्टूबर 1998 को राष्ट्रपति ने कंपनियों के द्वारा अपने shares की वापस खरीद को permission दे दी। परंतु सरकार के द्वारा shares को वापिस खरीदने के लिए कुछ conditions लगाई गई, जिन्हे सभी company के द्वारा follow करना जरूरी है। तो आईये विस्तार से जानते हैं कि condition for buy back of shares क्या है? 

Buy back से क्या मतलब है?

जब भी कोई कंपनी अपने ही कंपनी के शेयर को खरीदना चाहे, तो उसे buy back कहते है यानी कि पुनर् खरीद। जब भी किसी कंपनी के द्वारा अपने shares खरीदे दिए जाते हैं तो वह अपने शेयर को buy back करते हैं। 

जब भी कंपनी अपने shares को buy back करती है तो उस कंपनी के share capital में कमी आती है। कोई भी कंपनी कभी भी invest के purpose से share नहीं खरीद सकती। ऐसी कंपनी जिसके पास पर्याप्त लागत हो वह अपने खुद के शेयर खरीदने का decision ले सकती है। 

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Buy back की limitation

  • इसे insider trading के लिए एक tool के रूप मे use किया जा सकता है। 
  • यह promoter की holding को increase करता है। इससे लिस्टेड कंपनी की पब्लिक शेयर holding घट जाती है। 

Condition for buy back of shares

Condition for buy back of shares

कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 68 में बताया गया है कि कंपनी अपने खुद के शेयर तब तक नहीं खरीद सकती जब तक वह निम्नलिखित शब्दों को पूरा नहीं करती। 

  1. Company के share buy back articles के द्वारा authorised होते हैं। 
  2. 1 साल में केवल एक ही buy back की अनुमति होती है। 
  3. Company authorising buy back की एक आम meeting मे special resolution pass किया गया। अगर buy back paid up equity capital and free रिज़र्व का 10 परसेंट है तो निदेशक मंडल अपनी meeting मे एक प्रस्ताव पारित करके, company इस तरह के buy back के लिए authorised हो सकती है। 
  4. बाय बैक कंपनी की कुल paid up capital और मुख्य मंडारण के 25% के बराबर होना चाहिए या फिर उससे कम होना चाहिए। यह 25% से अधिक नहीं होना चाहिए। 
  5. किसी फाइनेंसियल year में इक्विटी शेयरों की पुनर खरीद उस फाइनेंशियल ईयर में अपनी paid up equity capital के 25% से ज्यादा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। 
  6. कंपनी की secure और unsecure कर्जे की रेशों इस प्रकार के buy back के बाद कंपनी की कैपिटल और मुक्त भंडारण के दोगुने से कभी भी अधिक नहीं होनी चाहिए। यहाँ पर short time debt और long time debt दोनों शामिल होने चाहिए। 
  7. Buy back के लिए सभी shares और दूसरी specific securities fully paid होने चाहिए। 
  8. सेबी के रेगुलेशन के अनुसार बाय बैक शेयर्स और सिक्योरिटी किसी भी स्टॉक एक्सचेंज पर listed होनी चाहिए। 
  9. किसी भी authorised stock exchange मे listed नही होने वाले shares के सम्बन्ध में buy back निर्धारित rules के अनुसार होना चाहिए। Company नियम, 2014 का rule 17  shares और securities के buy back से related होना चाहिए। 

No 9 मे बताए गए नियम नंबर 17 के अनुसार निजी कंपनियां और सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियां निम्नलिखित मानदंडों का पालन करेंगे

  • कंपनी जिससे एक special resolution के द्वारा authorised किया गया है, शेयरों को वापस खरीदने से पहले वह कंपनी रजिस्ट्रार के पास fees के साथ निर्धारित prescribed form में एक प्रस्ताव पत्र दाखिल करेगी। 
  • प्रस्ताव पत्र शेयरधारकों या सेecurity holders को कंपनी रजिस्ट्रार के पास दाखिल करने के तुरंत बाद भेजा जाएगा। लेकिन कंपनी रजिस्ट्रार के पास दाखिल होने के 21 दिनों के बाद ऐसा नही हो सकता।
  • बाय बैक का प्रस्ताव कम से कम 15 दिनों की अवधि के लिए खुला रहेगा और प्रस्ताव पत्र के dispatch की तारीख से 30 दिनों से अधिक नहीं होगा। 
  • यदि शेयरधारकों या security holders द्वारा पेश किए गए शेयरों या अन्य सिक्योरिटी की संख्या कंपनी द्वारा खरीदे गए shares या सिक्योरिटी की कुल संख्या से अधिक है, तो per शेयर धारित की स्वीकृति अनुपातिक आधार पर होगी। 
  • कंपनी ऑफर बंद होने के तुरंत बाद एक अलग बैंक अकाउंट खोलेगी और उसमें ऐसी राशि डिपॉजिट करेगी जो इन नियमों के अनुसार buy back के लिए प्रस्तुत किए गए shares के tendered के रूप में पूरी राशि और payable होगी। 
  • Company prescribed time share holder के मामले में consideration करें जिनकी प्रतिभूतियां स्वीकार कर ली गई है या फिर और शेयरधारकों को शेयर certificate वापस करते हैं जिनकी सिक्योरिटी को बिल्कुल भी accept नहीं किया गया है। 

निष्कर्ष

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दोस्तों, हमें उम्मीद है कि इस लेख condition for buy back of shares  के द्वारा आप समझ गए होंगे कि share के बाय back में किस प्रकार की शर्त रहती हैं। हमें उम्मीद है कि यह लेख शेयर मार्केट के बारे में जानने वाले लोगों के लिए helpful रहा होगा। आप इस जानकारी को दूसरे लोगों के साथ भी शेयर करें। यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई भी सहायता चाहिए तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अगर आपको किसी दूसरे विषय पर जानकारी चाहिए या आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो भी हमें कमेंट जरूर करें। 

FAQ

Buy back को कितने समय में पूरा किया जाना चाहिए? 

बोर्ड के प्रस्ताव पास होने की तारीख से 12 महीने के भीतर भीतर buy back को पूरा किया जाना चाहिए। 

Buy back  के तरीके क्या है? 

मौजूदा शेयर होल्डर या सिक्योरिटी होल्डर से अनुपातिक आधार पर, खुले बाजार से या फिर stock विकल्प के द्वारा buy back हो सकता है। 

Buy back करने पर कितने दिन में रिटर्न दाखिल करना होता है? 

30 दिनों के भीतर

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