अक्सर निवेशक जब इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो उन्हें नुकसान का भी सामना करना पड़ता है क्योंकि कई बार स्टॉक के मूल्य तेजी से गिरने लगते हैं। कई अनुभवी निवेशक ऐसे समय में Stop loss order का इस्तेमाल करते हैं।
जिसके कारण उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होता है और कई निवेशक उनकी इस विधि को अपनाना चाहते हैं परंतु निवेशकों को STOP LOSS ORDER की जानकारी नहीं होने के कारण वह इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते।
इसलिए आज के इस लेख में हम stop loss meaning in hindi की जानकारी देंगे। यदि आप भी stop loss से संबंधित जानकारियां पाना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि STOP LOSS कैसे लगाया जाता है तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
STOP LOSS ORDER क्या है? (stop loss meaning in hindi)
Via You tube
STOP LOSS एक निर्देश है जो निवेशक द्वारा अपने ब्रोकर को शेयरों की सुरक्षा की बिक्री को निष्पादित करने के लिए किया जाता है। जब निवेशक द्वारा खरीदे गए शेयरों का मूल्य एक निश्चित मूल्य से नीचे गिरता है तो STOP LOSS ORDER उस नुकसान को manage करता है।
जब मूल्य एक निश्चित मूल्य से नीचे गिर जाता है तो ब्रोकर शेयरों एवं प्रतिभूतियों को बेचकर निवेशक के नुकसान को कम करने में मदद करते है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए, राहुल ने ABC कंपनी के 50 शेयर ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे। और शीघ्र ही उन शेयर की कीमतों में गिरावट आ जाती है तो राहुल अपने ब्रोकर को ₹80 तक का STOP LOSS ORDER देगा।
अगर शेयर की कीमत ₹80 से भी गिर जाती है तो ब्रोकर निवेशक के आगे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए उन शेयरों को बेच देगा।
STOP LOSS ORDER के उद्देश्य (Purpose of Stop Loss order)
STOP LOSS ORDER का उद्देश्य निवेशक के जोखिम को कम करके उसके व्यापार को आसान बनाना है। जब भी कोई व्यापारी स्टॉक बाजार में प्रवेश करता है। तो उससे यह जरूर कहा जाता है कि हमेशा STOP LOSS ORDER का उपयोग करें ताकि आपके जोखिम सीमित रहें और बड़ा नुकसान होने से बचा जा सके।
संक्षिप्त में कहें तो STOP LOSS ORDER किसी एक व्यापार पर जोखिम वाली पूंजी की मात्रा को सीमित कर के व्यापार को कम जोखिम भरा बनाने का कार्य करता है।
STOP LOSS ORDER का महत्व (Importance of Stop Loss Order)
blog.ventura1.com
STOP LOSS ORDER का बहुत ही अधिक महत्व है क्योंकि STOP LOSS ORDER व्यक्ति को बाजार को बिना बारीकी से जांचे अपने नुकसान को कम करने में मदद करता है। यह जोखिम लेने वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है जो बाजार में उतार-चढ़ाव होने के बाद भी स्टॉक मार्केट में निवेश करके अच्छा लाभ कमाने का लक्ष्य रखते हैं।
STOP LOSS ट्रेडिंग किसी व्यक्ति को उसके नुकसान के चरम सीमा पर पहुंचने से पहले उस स्थिति से बाहर निकालता है। क्योंकि कभी भी बाजार का उच्चतम एवं निम्नतम मूल्य पहले से Decide नहीं किया जा सकता है।
इसलिए यदि कोई भी निवेशक अपने पोजीशन को लाभ कमाने के उद्देश्य से लंबी अवधि के लिए बनाए रखना चाहता है और STOP LOSS ORDER नहीं देता है तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
STOP LOSS ORDER कैसे लगाएं? (How to use Stop loss Order)
कोई भी व्यक्ति जो इंट्राडे ट्रेडिंग करता है उसे स्टॉपलॉस आर्डर लगाने की जरूरत पड़ती है। यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे अपने किसी शहर में नुकसान हो सकता है तो वह उन शेयरों पर STOP LOSS ट्रेडिंग लगा सकता है। STOP LOSS ORDER लगाने के लिए आप कुछ नियमों का पालन कर सकते हैं।
परसेंटेज मेथड (Percentage Method)
ज्यादातर निवेशक STOP LOSS ORDER देने के लिए परसेंटेज विधि का पालन करते हैं। परसेंटेज नियम के अनुसार शेयर प्राइस के 10% को काटकर STOP LOSS ORDER देना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आपने ₹100 के शेयर खरीदे हैं तो ₹100 का 10% ₹10 होगा अब आपको 100 में से ₹10 घटा कर ₹90 पर STOP LOSS ORDER देना है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस मेथड (Support and resistance Method)
जैसा कि आप जानते हैं हर वक्त बाजार में स्थिरता बनी रहती है। इसलिए शेयर मार्केट चार्ट तैयार किया जाता है, जिसमें सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल रहता है। और यह लेबल्स आपको स्टॉपलॉस आर्डर लगाने में मदद करते हैं।
यदि आप दीर्घावधि के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको अपने ट्रेडिंग प्राइस से पहले वाले सपोर्ट लेवल को पहचानना है और उस लेवल से थोड़े कम दामों पर स्टॉपलॉस ऑर्डर देना है।
जैसे कि अगर आपने ₹200 प्रति शेयर के हिसाब से स्टार्ट खरीदा है और उसका सपोर्ट लेवल ₹150 है तो आपको ₹182 पर STOP LOSS ORDER देना होगा।
इस तरह अगर आप अल्पावधि के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको रेजिस्टेंस लेवल के हिसाब से अपना स्टॉपलॉस ऑर्डर देना है।
STOP LOSS ORDER के फायदे (Benefits of Stop Loss Order)
- नुकसान से बचाना
STOP LOSS आप के नुकसान को कम करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आपको शेयर बाजार में अधिक नुकसान न उठाना पड़े। ऐसा कई बार होता है कि स्टॉक की कीमत बहुत ही तेजी से गिर जाती है और यदि आपने STOP LOSS ORDER नहीं दिया है तो आपको उन शेयरों पर भारी नुकसान होता है।
- स्वचालित रूप से कार्य करना
STOP LOSS ORDER स्वचालित रूप से कार्य करती है। यदि आपने एक बार STOP LOSS ORDER दे दिया है तो आपको हर समय बाजार पर निगरानी रखने की कोई जरूरत नहीं है। STOP LOSS ORDER के माध्यम से आपके शेयर स्वयं ही बेच दिए जाते हैं।
- जोखिम और मुनाफे को संतुलित करना
स्टॉक बाजार में व्यापार करते समय यह महत्वपूर्ण है कि आप जोखिमों और अपने मुनाफे को संतुलित रखें। यदि आप एक अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको कुछ निश्चित राशि का जोखिम भी लेना होगा।
STOP LOSS के माध्यम से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप कितना जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और STOP LOSS आपके इन जोखिमों और मुनाफे को संतुलित भी रखता है।
STOP LOSS ORDER के नुकसान (Disadvantage of Stop Loss Order)
STOP LOSS ORDER चुनने के कई नुकसान भी हैं।
- अल्पकालिक उतार चढ़ाव
यदि शेयर बाजार में कुछ ही समय के लिए उतार-चढ़ाव होता है तो STOP LOSS ORDER सक्रिय हो जाता है और इससे आपको कभी-कभी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
- शेयरों को जल्दी बेच देना
आपने जितने भी मूल्य पर STOP LOSS लगाया है उस मूल्य पर आपके शेयर जल्दी ही बेच दिए जाते हैं। और इससे कभी-कभी निवेशक अधिक होने वाले लाभों से वंचित रह जाते हैं।
यदि किसी शेयर का मूल्य अधिक बढ़ने वाला होता है तो उन शेयरों को अधिक दामों पर न बेचकर कम दामों पर ही बेच दिये जाते हैं।
- निवेशकों को STOP LOSS की सीमा तय करनी होती है
यदि कोई भी निवेशक अपने स्टॉक्स पर स्टॉपलॉस लगाना चाहता है तो उसे इसके लिए एक कीमत का चुनाव करना पड़ता है जिसमें अक्सर गलतियां भी हो जाती है। इसलिए निवेशकों को कई बार किसी वित्तीय सलाहकार की मदद लेनी पड़ती है जो कि महंगा साबित होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको stop loss meaning in hindi के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको stop loss order से संबंधित कई तरह की जानकारियां मिल पाई होंगी।
यदि आपको आज का यह लेख जानकारी पूर्ण लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें। अगर आपके मन मे कोई प्रश्न हो तो वो भी आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
1 thought on “Stop Loss Meaning In Hindi”