भारत में लगभग कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं और मुनाफा कमाते हैं। लेकिन कई लोगों को SEBI के बारे में जानकारी नहीं होती है।
जो भी व्यक्ति शेयर बाजार में निवेश करता है उसे SEBI की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि SEBI एक ऐसी संस्था है जो निवेशकों के हितों की रक्षा करती है।
सेबी क्या है? (What is SEBI)
सेबी (SEBI) का पूरा नाम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड है। इसकी स्थापना 1992 में भारत सरकार द्वारा प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों की रक्षा के साथ-साथ प्रतिभूति बाजार को नियमित करने के लिए किया गया था।
इसका मुख्य कार्यालय मुंबई में है। परंतु इसके अन्य कार्यालय नई दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता और चेन्नई में भी स्थापित है।
जिस प्रकार किसी भी संस्था को संभालने के लिए एक सर्वोपरि संस्था होती है उसी प्रकार शेयर बाजार को संभालने के लिए भी सेबी की स्थापना की गई।
जैसे सभी बैंकों का बैंक RBI होता है उसी प्रकार सभी Stock Exchange का सबसे बड़ा exchange Securities and Exchange Board of India को कहा जाता है।
SEBI शेयर बाजार और म्यूच्यूअल फंड को भी नियंत्रित करता है। साथ ही यह देखता है कि निवेशकों के लिए शेयर बाजार में किस तरह के नियम लागू करने चाहिए जिससे कि शेयर बाजार को विकसित किया जा सके।
SEBI की स्थापना के उद्देश्य (Purpose of SEBI)
सेबी के कुछ उद्देश्य निम्नलिखित है -:
- सेबी का प्रमुख उद्देश्य निवेशकों का संरक्षण करना है। सेबी निदेशकों की हितों की रक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक द्वारा किया गया निवेश सुरक्षित है या नहीं।
- सेबी वित्तीय मध्यस्थों जैसे, दलालों के लिए नियम विकसित करता है।
- सेबी का एक मुख्य उद्देश्य statutory regulations और self-regulation के बीच संतुलन बनाए रखना है।
- SEBI का प्रमुख उद्देश्य शेयर बाजार एवं व्यापार में होने वाले धोखाधड़ी प्रथाओं और कदाचार को रोकना है।
SEBI इंडिया की संगठनात्मक संरचना (Structure of SEBI)
सेबी बोर्ड कॉरपोरेट संरचना का ही अनुसरण करता है जिसमें Board of Director, Senior Management, Department head और कई महत्वपूर्ण विभाग शामिल होते हैं।
इसमें 20 से भी अधिक विभाग शामिल है जिनमें से सभी विभाग की देखरेख उनके विभाग प्रमुख द्वारा की जाती है। सेबी में सर्वप्रथम 9 सदस्य शामिल है जो बोर्ड प्रमुख होते हैं।
- बोर्ड का एक अध्यक्ष जिसमें जिसे भारत की केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- एक बोर्ड सदस्य जिसे सेंट्रल बैंक जानी आरबीआई द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- इसमें दो बोर्ड सदस्य शामिल होते हैं जो केंद्रीय वित्त मंत्रालय से हैं।
- इसमें अन्य पांच बोर्ड सदस्य शामिल है जो भारत की केंद्र सरकार द्वारा चुने जाते हैं।
SEBI के अन्य कुछ महत्वपूर्ण विभाग नीचे दिए गए हैं -:
- सूचना प्रौद्योगिकी विभाग।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और संरक्षक।
- अंतर्राष्ट्रीय कार्यों का कार्यालय।
- प्रतिभूति बाजार के राष्ट्रीय संस्थान
- निवेश प्रबंधन विभाग।
- कमोडिटी और व्युत्पन्न अंक विनियमन विभाग।
- मानव संसाधन विभाग।
Sebi के कार्य एवं शक्तियां (Functions and Powers of SEBI)
सेबी के कुछ निम्नलिखित कार्य है -:
सुरक्षात्मक कार्य (Protective Function)
- SEBI शेयर बाजार में insider trading को रोकता है। क्योंकि insider trading के द्वारा कई Fraud और Scam हो सकते हैं। इसलिए सेबी ने कंपनियों को सेकेंडरी मार्केट से अपने शेयर खरीदने पर रोक लगा दी है।
- सेबी Price rigging होने से रोकता है। Price rigging के द्वारा शेयरों के बाजार मूल्य में कमियां वृद्धि करके प्रतिभूतियों की कीमत में उतार-चढ़ाव पैदा करता है जिससे कि निवेशकों को नुकसान होता है और से भी इस तरह के नुकसान को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखता है।
- सेबी शेयरों के व्यापार से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है।
- सेबी का कार्य निवेशकों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सत्र का आयोजन करके शिक्षित करना है जिससे कि निवेशकों को market insights और money management की जानकारी हो सके।
नियामक कार्य (Regulatory Function)
- सेबी द्वारा ब्रोकरों के लिए कुछ नियम एवं कानून बनाए जाते हैं ताकि शेयर बाजार का कुशल प्रबंधन हो सके। इन नियमों का पालन ब्रोकरों के साथ-साथ कॉरपोरेट्स के द्वारा भी किया जाता है।
- सेबी का कार्य स्टॉक एक्सचेंजों की पूछताछ करना एवं ऑडिट करना है।
- निवेशक जिन ब्रोकरों, जैसे – स्टॉक ब्रोकर और मर्चेंट ब्रोकर के द्वारा निवेश करते हैं और ब्रोकरों के कामकाज को नियंत्रित करना सेबी का कार्य है।
विकास कार्य (Developmental Function)
- सेबी का कार्य निवेशकों को शेयर बाजार के कार्यों का ज्ञान प्रदान करने के लिए कुछ सत्रों का आयोजन करना है।
- सेबी ब्रोकरों को भी ट्रेनिंग देने का कार्य करता है ताकि सुरक्षा बाजार का विकास हो सके।
- सेबी निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों या इंटरनेट के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करने को बढ़ावा देता है।
Sebi की शक्तियां (Powers of SEBI)
सेबी की कुछ प्रमुख शक्तियां निम्न प्रकार से हैं -:
अर्द्ध – न्यायायिक शक्ति –
जब भी शेयर बाजार में किसी तरह की धोखाधड़ी और नैतिक प्रथाओं से संबंधित कोई कार्य किए जाते हैं तो सेबी इससे संबंधित निर्णय ले सकता है। इसके साथ-साथ से भी पूंजी बाजार में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है।
अर्ध – कार्यकारी शक्ति
सेबी के द्वारा बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर सेबी कानूनी कार्यवाही कर सकती है और सेबी के पास नियमों का अनुपालन न करने के लिए अकाउंट बुक और अन्य दस्तावेजों को जांच करने का भी अधिकार है।
अर्ध – विधाई शक्ति
सेबी के पास शेयर बाजार से संबंधित अलग-अलग प्रकार के नियम एवं कानून बनाने का अधिकार है जिससे कि निवेशकों के हितों की रक्षा हो सके।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको sebi in hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी पुलिस टॉप उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको सेबी से संबंधित सभी तरह की जानकारियां मिल पाई होंगी। यदि आपको आज का लेख जानकारी पूर्ण लगा हो तो इसे अपने अन्य सहयोगीयों के साथ भी अवश्य साझा करें।